जब बनाया था
तब ये नहीं सोचा
की थोडा गहरा कटोरा दे दूँ
इतनी जल्दी भरता है
की छलक जाता है
इधर-उधर गिला कर देता है
किसी को बोल भी तो नहीं सकता हूँ
की थोडा पानी मेरे कटोरे से ले लो
इक तो उनके बर्तन भी कुछ खास बड़े नहीं हैं
उस पर मेरा पानी भी खरा है
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