Tuesday, April 24


मौन हूँ मैं

वोह घनघोर तूफ़ान
जिसकी तेजाबी बारिश ने मुझे घाव दिए
वोह बवंडर तो आकर चला भी गया

पर वोह धुप तो निकली ही नहीं
जिसकी गर्मी में मैं उन घावों को भरने वाला था

निशाब्ता छायी है

मौन हूँ मैं

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